बारिश लाया उत्तराखंड में आफत, 38 सड़कें बंद होने से यात्रियों को वाहनों में गुजारनी पड़ी रात .

उत्तराखंड की बारिश लोगों पर आफत बनकर बरस रही है मॉनसून की आहत के साथ ही झमाझम बारिश का दौर जारी है. रोज हुई बारिश से करीब 38 सड़कें बंद हो गई. जिससे चारधाम यात्रियों समेत स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इधर, बारिश होते ही देहरादून नगर निगम की पोल खुलनी शुरू हो गई. शहर में जगह-जगह जलभराव देखने को मिला. इसके अलावा दून विहार वार्ड-6 में बारिश का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया.
एक तरफ चारधाम यात्रा चल रही है. जहां पर श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मॉनसून सीजन की दुश्वारियां हैं. जिस वजह से प्रदेश सरकार के सामने कई चुनौतियां भी खड़ी हो चुकी हैं. चारधाम यात्रा में आंकड़ों की बात करें तो मंगलवार यानी 28 जून तक हेमकुंड साहिब समेत चारों धामों में 25 लाख 68 हजार 205 यात्री दर्शन कर चुके थे. वहीं, मौसम विभाग ने आज भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. बीती रोज भी भारी बारिश के चलते प्रदेशभर में 38 छोटी-बड़ी सड़कें बाधित हुई हैं. जिन्हें खोलने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं बारिश के बाद सड़कें बंद होने से यात्रियों की भी मुश्किलें दोगुनी हो गई. सड़कें बंद होने से यात्रियों को वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी. उधर, नदी नाले भी उफान पर बह रहे हैं.

आपदा अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव (Disaster Additional Secretary Anand Srivastava) ने बताया कि मॉनसून सीजन को लेकर के आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली है. सभी विभागों के नोडल अधिकारी भी कंट्रोल रूम में तैनात कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए दो हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं. यह हेलीकॉप्टर गौचर और पिथौरागढ़ में तैनात हैं.

वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में मॉनसून के चलते लगातार बाधित होने वाली सड़कों को लेकर लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष एजाज अहमद ने जानकारी दी है कि लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. कहीं पर भी सड़कें बाधित होती है तो उन्हें जल्द से जल्द खोलने का प्रयास किया जाता है.उन्होंने बताया कि सड़कों को लेकर विभाग ने खासतौर की रणनीति तैयार की है, ताकि सड़कों को लेकर पूरा अपडेट विभाग के पास रहे और उन्हें जल्द से जल्द खोला जाए. उन्होंने डेंजर जोन को लेकर कहा कि भूस्खलन वाले ऐसे क्षेत्र, जहां पर ज्यादातर मार्ग बाधित रहते हैं, उन्हें डेंजर जोन के रूप में चिन्हित किया गया है. वहां पर अतिरिक्त ध्यान दिया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द बाधित सड़कों को खोला जाए.

दून विहार के बापू नगर नाले की सफाई न होने के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया. साथ ही लोगों के घरों में गंदा पानी घुस गया. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मामले में नगर आयुक्त ने सफाई देते हुए कहा है कि निगम की टीम ने सभी मुख्य नालों की सफाई कर दी है और यह अभियान जारी है.उन्होंने कहा कि शहर में कुछ प्राइवेट तरीके से बनाए गए नाले हैं, जिन्हें टीम की ओर से सफाई की जाती है, लेकिन कॉलोनीवासी नालों में कूड़ा डाल देते हैं. जिससे नालियां चोक हो जाती हैं. हालांकि, नगर निगम की ओर से आपदा कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिसमें 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहते हैं. साथ ही नगर निगम के जोनल ऑफिस में भी टीमें तैनात हैं, जो कि सूचना मिलते ही जल प्रवाह के स्थान पर पहुंचती है.

बता दें कि देहरादून नगर निगम बार-बार दावा कर रहा है कि मुख्य नदी नालों की सफाई की जा चुकी है, लेकिन हर साल नगर निगम के दावे फेल हो जाते हैं. हालांकि, मॉनसून आया नहीं है, लेकिन तेज बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया. कॉलोनी वासियों का कहना है कि नगर निगम की ओर से नालों की सफाई नहीं की जा रही है. नालों में कूड़ा पड़े रहने से चोक हो जाते हैं, जिस कारण बरसात का पानी घरों में घुस जाता है. रुद्रप्रयाग जिले में पहली ही बारिश में स्थिति भयावह होने लग गई है. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में आज सुबह बारिश के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया. बरसात के पानी जगह-जगह केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भर गया और पानी दुकानों में भी घुस गया. किसी तरह से यात्रियों और स्थानीय जनता ने यहां आवाजाही की.

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल का कहना है कि मॉनसून से निपटने के लिए तैयारियां की गई हैं. यात्रा पड़ावों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, डीडीआरएफ सहित पीआरडी के जवान तैनात हैं. साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के भूस्खलन वाले क्षेत्रों में मशीनें तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि सभी टीमों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है.

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