न्यूज़ वायरस के लिए महविश की रिपोर्ट
शुरू हो गया है उत्तराखंड में ज़ोरदार बारिश का सिलसिला , पहाड़ से लेकर राजधानी देहरादून की नदियों तक तेज़ रफ़्तार बहती जलधारा बता रही है कि कितनी तेज़ है पहाड़ों में बारिश। लेकिन इसी के साथ सामने आ रही है आफत और मुसीबत जिसने पर्यटकों , श्रद्धालुयों और स्थानीय लोगों के सामने बड़ी चुनौती पैदा करनी शुरू कर दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार राजधानी देहरादून सहित गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में भारी बारिश जारी है, जिस कारण मैदानी इलाकों में जहां कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है. ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के साथ कई ग्रामीण सड़कें जगह-जगह पर मलबा आने के कारण बंद पड़ी है. भारी बारिश को देखते हुए शासन और सभी जिलों के प्रशासन अलर्ट पर हैं. बारिश के कारण बंद सडकों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है…
अब बात चमोली जनपद की करें तो में ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे बंद है. उत्तरकाशी में 8 ग्रामीण सड़कें, देहरादून जिले में एक हाइवे, दो राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग सहित 22 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. पौड़ी में दो राज्य मार्ग, एक जिला मार्ग और 13 ग्रामीण सड़कें बंद हैं.उत्तराखंड में बारिश का कहर.अल्मोड़ा में 5 ग्रामीण सड़कें, चंपावत में 2 ग्रामीण सड़के, रुद्रप्रयाग में मयाली तिलवाड़ा राज्य मार्ग पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण 8 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. टिहरी में 5 ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में 3 ग्रामीण सड़कें, बागेश्वर में 33 ग्रामीण सड़कें, पिथौरागढ़ में एक बॉर्डर सहित 14 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. तो उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जनपद में 11 केवी की लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण 12 गांव की बिजली आपूर्ति बाधित है….
वही राजधानी देहरादून में पहली ज़ोरदार बारिश ने ही नदियों में उफान ला दिया है। शुक्रवार शाम से शुरू हुयी भारी बारिश के चलते कई शहर के तमाम स्थानों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिस कारण लोगों को आवाजाही में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शहर में ड्रेनेज सिस्टम की उचित व्यवस्था न होने के कारण दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं…
न्यूज़ वायरस आपसे अपील करता है कि मौसम की जानकारी लेकर ही आप अपनी यात्राओं का कार्यक्रम निर्धारित करें क्योंकि प्रशासन और राज्य सरकार ने जो एडवाइजरी दी है उसके मुताबिक आप रोजाना मौसम की ताज़ा अपडेट लेकर ही पहाड़ों का रुख करें। हो सके तो मौसम खराब होने पर सुरक्षित स्थान पर रुक कर मौसम साफ़ होने का इंतज़ार ज़रूर करें।