सरकार के विजन को साकार कर रहे IAS Dr. आर. राजेश कुमार को मुख्यमंत्री देंगे बड़ी ज़िम्मेदारी !

“सरकार के भरोसेमंद अफसरों में शामिल है IAS डॉ आर. राजेश कुमार”
इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तराखंड में आईएएस अफसरों की भारी कमी है। उस पर कमी ऐसे अधिकारियों की भी है जो राज्य सरकार के विजन को साकार करने के लिए दिन रात फील्ड में नजर आते हैं। प्रशासनिक सेवा के आईएएस अधिकारियों के 126 के कैडर के मुकाबले राज्य में सिर्फ 78 आईएएस हैं…
ऐसे में अब मुख्यमंत्री धामी की नज़र ऐसे चुनिंदा आईएएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ देकर मिशन 2025 को सफल बनाने की है जिनकी छवि साफसुथरी, कार्यकुशलता बेहतरीन और प्रशासनिक कौशल तेज़ नतीजे देने की है। 
बीते एक पखवाड़े पर नज़र दौड़ाएं तो सीएम धामी की इसी एक्सरसाइज़ ने ब्यूरोक्रेसी और विभागों के अंदर एक खलबली सी मचा दी है। प्रचंड बहुमत पाकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारियों को फ्रंट फुट पर बड़ी जिम्मेदारियों से नवाज रहे हैं तो वही गैर जिम्मेदार और लापरवाह अफसरों को किनारे भी लगा रहे हैं।यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में सचिवालय से लेकर जिलों तक आईएएस, पीसीएस और आईपीएस अधिकारियों को बड़े पैमाने पर इधर से उधर कर दिया गया।  इस बीच अचानक जब देहरादून के जिलाधिकारी रहे सीनियर आईएएस डॉ आर.राजेश कुमार को देहरादून के जिलाधिकारी पद से हटाते हुए उन्हें प्रतीक्षारत किया गया तो ब्यूरोक्रेसी के अंदरखाने ये चर्चा तेज हो गई है कि सीएम धामी अपने इस बेहद काबिल और जनता के बीच लोकप्रिय हो रहे आईएएस अफसर को अब राज्य स्तर पर किसी बड़ी जिम्मेदारी से नवाज़ने का मन बना चुके हैं।
सूत्रों की कानाफूसी और प्रशासनिक हलके की सुर्ख़ियों पर गौर करें तो कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में अब तक एक शानदार कार्यकाल देने वाले आईएएस डॉ राजेश कुमार की जिन उपलब्धियों से प्रभावित हैं उसमें शामिल है – चार धाम यात्रा के शुरुआती दौर में किए गए बेहतरीन यात्रा प्रबंधन, कोविड गाइडलाइन्स के पालन से लेक सिंगल यूज प्लास्टिक पर चलाए गए अभियान, अतिक्रमण और अवैध खनन पर सीएम धामी  के विजन को साकार करने के लिए उठाए गए प्रभावी फैसले, शराब की ओवररेटिंग पर सख्ती और पारदर्शिता से योजनाओं को आगे बढ़ाने काबिलियत, जो आज ब्यूरोक्रेसी में आईएएस डॉ आर. राजेश कुमार की योग्यता के चंद उदाहरण है। इस मामले में जब हमने वरिष्ठ अधिकारियों की राय जानी तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मिशन 2025 को सफल बनाने के लिए धामी सरकार भी चाहती है कि जो अधिकारी बेहतर नतीजे दे रहे हैं उनका इस्तेमाल प्रदेश स्तर पर बड़े पद पर किया जाए, जिसके लिए मुख्यमंत्री की नज़र ऐसे अधिकारियों पर है जो शानदार नतीजे देने के लिए जाने जाते हैं। जिसमें आईएएस डॉ आर. राजेश कुमार एकदम फिट बैठते हैं।
आपको बता दें कि डॉ राजेश कुमार जितने दिन देहरादून जिलाधिकारी रहे और सीईओ स्मार्ट सिटी की कुर्सी भी संभाली उस दौरान देहरादून में विकास की अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ी, जनता की शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करने वाले पूर्व डीएम डॉ आर.राजेश कुमार को एक संवेदनशील और त्वरित फैसला लेने वाला प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है। अंदर खाने खबर है कि उनकी इसी काबिलियत को अब मुख्यमंत्री धामी पहचानते हुए जल्द किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी दे सकते है।
भले ही डॉ राजेश कुमार अभी किसी पद पर नहीं है और देहरादून के जिलाधिकारी के पद पर नई पोस्टिंग हो चुकी है लेकिन लोगों की जुबान पर डॉ आर.राजेश कुमार के कार्यकाल में हासिल की गई उपलब्धियों का चर्चा सुनाई दे रही है। जब हमने दून वासियों से पूर्व डीएम देहरादून के बारे में राय पूछी तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से पदभार ग्रहण करते ही डॉ आर.राजेश कुमार ने सरकारी विभागों में छापेमारी कर कर्मचारियों की ढीली कार्यवाही को चुस्त-दुरुस्त किया, दफ्तरों में कर्मचारियों के समय पर आने के सख्त निर्देश दिए और आईएसबीटी से लेकर सरकारी अस्पतालों तक खुद ग्राउंड रियलिटी को जानने के लिए सुबह से देर रात औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू किया वह आने वाले किसी भी जिलाधिकारी के लिए एक नजीर है।
देखना यह होगा कि डॉक्टर आर.राजेश कुमार अपनी बेहतरीन प्रशासनिक क्षमता सरकार की मंशा को समझने की सूझबूझ और जनता के बीच बनाई अपनी लोकप्रिय छवि के साथ सीएम धामी की भरोसेमंद टीम में कब और किस पद पर तैनात किए जाते हैं ? क्योंकि सरकार का यह सकारात्मक फैसला प्रदेश के अन्य काबिल अधिकारियों के हौसले को बढ़ाने और प्रेरित करने वाला साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top