विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी 
1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ बने थे। इसीलिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा बाद में फील्ड मार्शल बने थे। दिल्ली कैंट के करिअप्पा ग्रांउड में आज देश की सेना के जांबाज जवान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान ब्रह्मोस मिसाइल, कैरियर मोटार्र ट्रैक्ड व्हीकल, 155 एमएम सोलटम गन और बीते साल शामिल हुई के-9 वज्र और एम-777 तोप ने भी अपनी ताकत दिखाई।
आज जब भारत सेना दिवस मना रहा है और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को याद कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके भारतीय सेना का शौर्य और पराक्रम दिखाती कुछ तस्वीरें शेयर की हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने tweet करके लिखा-“सेना दिवस के अवसर पर, विशेष रूप से हमारे साहसी सैनिकों, सम्मानित दिग्गजों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। भारतीय सेना अपनी बहादुरी और पेशेवराना अंदाज के लिए जानी जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भारतीय सेना के अमूल्य योगदान को शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। आर्मी डे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने करके लिखा-सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों को सेना दिवस की बधाई। भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रही है। हमारे सैनिकों ने सीमाओं की रक्षा और शांति बनाए रखने में व्यावसायिकता, बलिदान और वीरता का प्रदर्शन किया है। राष्ट्र आपकी सेवा के लिए आभारी है। जय हिन्द! 
साल 1776 हुआ था भारतीय सेना का गठन
राजा महाराजाओं के दौर में हर शासक के अपने सैनिक होते थे लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय सेना का गठन साल 1776 में कोलकाता में किया। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली। 

