उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में हमेशा भीड़ रहती है, बीमारी का मौसम हो या न हो। देहरादून का दून अस्पताल अन्य अस्पतालों के मुकाबले काफी सस्ता है, दून अस्पताल में भारी भीड़ का यह भी एक अहम कारण है। लेकिन दून अस्पताल में उलझे व्यवस्था के चलते काफी परेशानियों का सामना मरीजों व उनके परिजनों को करना पड़ रहा है। बूँद बूँद से सागर भरता है, धीरे धीरे कर दून अस्पताल भी काफी योजना निकल रहे है। इसी बीच दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आशुतोष सयाना ने मरीजों की सुविधा के लिए कुछ नई योजनाओं के बारे में बताया है। दून अस्पताल ने पहले भी मरीजों की सुविधा के लिए काफी योजनाएं निकाली है। गौरतलब है की इस बार दून अस्पताल ने दिल के मरीजों के लिए जल्द ही कैथ लैब खोलने का ऐलान कर दिया है। आपको बता दे कैथ लैब क्या होती है, कैथ लैब क्या है? कार्डिएक कैथीटेराइजेशन प्रयोगशालाएं विशेष अस्पताल के कमरे हैं जहां हृदय रोग विशेषज्ञ कोरोनरी धमनी और परिधीय संवहनी विकारों के इलाज के लिए विभिन्न नैदानिक और पारंपरिक हृदय प्रक्रियाओं के साथ-साथ न्यूनतम इनवेसिव तरीकों का उपयोग करके हृदय रोग का निदान और उपचार करते हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया है कि इससे हृदय रोगियों की हार्ट की सर्जरी हो सकेगी। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना के मुताबिक शासन स्तर पर प्रस्ताव दोबारा से भेज दिया गया है और वहां से सकारात्मक जवाब मिला है। स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग भी खुलेगा डॉक्टर सयाना ने बताया कि स्पोर्ट्स के दौरान चोट आदि लगने और खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग की भी अस्पताल में स्थापना की जा रही है. इधर डेंगू और कोविड-19 की आशंकाओं के बीच अस्पताल के प्राचार्य का कहना है कि महिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर वहां पर 500 बेड का नया जच्चा बच्चा अस्पताल बनाया जाएगा.
इन दो नई योजनाओं से दून अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी सुविधा दी गई और ऐसे में समय-समय पर और योजनाओं की घोषणा की जाएगी, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा।