तमाम तैयारियों के बावजूद जीवन में ऐसा वक्त आ सकता है जब आपको जल्द से जल्द पैसे की जरूरत हो. लड़कियो, किसी भी प्रकार की इमर्जेंसी को संभालने के लिए आपको कभी भी पैसों की ऐसी जरूरत पड़ सकती है जिसे लोन लेकर पूरा करना पड़े. हम सब ऐसी अप्रिय स्थिति से बचना चाहते हैं लेकिन आपातकाल ऐसे ही वक्त को कहा जाता है जो अचानक धमकता है. ऐसे में पैसों के अरेंजमेंट या कर्ज के लिए पर्सनल लोन से लेकर गोल्ड लोन दोनों के ऑप्शन आपके पास मौजूद होंगे लेकिन यह दुविधा होगी कि कौन सा लोन लेना बेहतर है. आइए इस दुविधा को दूर करने और फैसला लेने में हम आपकी कुछ मदद करें. किसी भी वित्तीय संस्थान से लिया गया पर्सनल लोन एक असुरक्षित ऋण (अनसिक्यॉर्ड लोन) है, इसलिए इस पर उच्च ब्याज दर लगती है. साथ ही दर क्या होगी ये आपके क्रेडिट स्कोर, इनकम जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करता है. वहीं, वित्तीय आपातकाल के दौरान आप यदि गोल्ड लोन को टटोल रही हैं तो बता दें कि इसमें आपको अपने गहनों आदि को गिरवी रखकर यह लोन लेना होगा. यह एक सिक्यॉर्ड लोन है. गोल्ड लोन के साथ एक जोखिम यह आता है कि यदि आप यह लो चुकाने में नाकामयाब रहती हैं या डिफॉल्ट करती हैं सोना डूब सकता है.
गोल्ड लोन की प्रोसेसिंग और इस लोन का डिसबर्सल पर्सनल लोन के मुकाबले जल्दी हो जाता है. साथ ही, डिजिटल गोल्ड लोन प्रक्रिया को काफी सरल बना देता है. आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है, जैसे फैक्टर्स मैटर नहीं करते. प्रीपेमेंट की बात करें तो गोल्ड लोन में यह सब आसानी से होता है। कुछ गोल्ड लोन स्कीम्स में उधारकर्ता शुरुआत में केवल ब्याज भुगतान कर सकते हैं और फिर लोन का टेन्योर खत्म होने पर अंतर की भरपाई कर सकते हैं. साथ ही एक ही बार में पूरी राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है.