देहरादून: चौराहे पर जबरन हॉर्न बजाया तो नहीं मिलेगा ग्रीन सिग्नल, ट्रैफिक पुलिस

देहरादून में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। चारों तरफ मचा शोर हमारी हेल्थ पर सीधा असर डाल रहा है। तेज धुन से बजने वाले डीजे, तेज हॉर्न, वाहनों का शोर और यहां तक वो ईयरफोन जिसे कान में ठूंसकर आप घंटों गाने सुनते या बतियाते हैं, वो भी आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। गाड़ियों के हॉर्न से सबसे ज्यादा शोर-शराबा होता है। इससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने सॉलिड प्लान बनाया है।

car horn

इसके तहत जल्द ही शहर के चौराहों पर ऐसे स्मार्ट सिग्नल लगाए जाएंगे, जो पता लगाएं कि किस दिशा से कौन सी आवाज ज्यादा है। इसके बाद चौराहे पर उस दिशा का सिग्नल ग्रीन नहीं होगा। नतीजतन शोर मचाने वालों को ट्रैफिक सिग्नल पर मिनटों से लेकर घंटों तक खड़े रहना पड़ सकता है। ध्वनि प्रदूषण है, जो पर्यावरण में अवांछित ध्वनि के कारण उत्पन्न होता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक माना जाता है।उच्च स्तर का ध्वनि प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनता है। इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई और रोकथाम के लिए पुलिस ने नए साल में देहरादून को नो हॉर्न जोन बनाने का संकल्प लिया है

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