शाबाश बेटी: हम चाहे जितनी तरक्की कर लें लेकिन अभी भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो बाल विवाह को बढ़ावा देकर देश की बेटियों के साथ में घोर अन्याय कर रहे हैं। कहीं पर आर्थिक तंगी तो कहीं पर सामाजिक दबाव, कहीं पर रिश्तेदार तो कहीं पर आस पास का जुल्मों सितम, मगर हर वक्त बेटियों को ही निशाना बनाया जाता है हम हर तरीके से उनकी जिम्मेदारियां से मुंह मोड़ कर उसको शादी के बंधन में बांधकर दूसरे परिवार में धकेलने का काम करते हैं..
जोर जबरदस्ती कर ऐसी ही एक बेटी का विवाह कराया जा रहा था लेकिन उसने एक बड़ी लड़ाई लड़ते हुए विवाह करने से इनकार कर दिया और परिवार सहित पूरे समाज को बता दिया की बेटियां किसी से काम नहीं होती हैं
निर्मला ने 12वीं में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में बाल विवाह से अपने आपको बचाने वाली बेटी ने पढ़ाई के बूते समाज को आईना दिखाया.. पढ़ाई के लिए तमाम मुश्किलों को पार करने वाली छात्रा ने इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है। छात्रा एस निर्मला ने परीक्षा में 440 में से 421 अंक हासिल किए।
कुरनूल जिले के अडोनी मंडल के पेद्दा हरिवनम गांव की रहने वाली निर्मला ने पिछले साल 537 अंकों के साथ एसएससी परीक्षा पास की थी। निर्मला के गरीब माता-पिता एसएससी की परीक्षा के पास करने के बाद उसकी शादी करना चाह रहे थे।
आर्थिक तंगी से परेशान थे माता-पिता
निर्मला की तीन अन्य बहनों की वे पहले ही शादी कर चुके हैं। माता-पिता ने उसे यह कहकर समझाने की कोशिश की कि वे अब उसकी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आसपास कोई जूनियर कॉलेज भी नहीं है। इसलिए उनके लिए उसकी पढ़ाई को जारी रखना काफी कठिन होगा।
आईपीएस बनकर बाल विवाह उन्मूलन पर काम करना चाहती है एस निर्मला
बाल विवाह उन्मूलन के लिए काम करना सपना है निर्मला का.. निर्मला ने कहा कि वह आईपीएस अधिकारी बनना चाहती है और बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में काम करना चाहती है। साथ ही वह अपनी जैसी लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहती है।