काम की बात: क्या होता है वॉटरप्रूफ और वॉटर रेसिस्टेंट फोन में अंतर?

एक समय था जब मोबाइल फोन ऐसे आते थे, जो अगर पानी में भींग गए तो बस उनका खराब होना तय है, लेकिन आजकल स्मार्टफोन्स का जमाना है। ऐसे कई स्मार्टफोन बाजार में उपलब्ध हैं, जो वॉटरप्रूफ माने जाते हैं, यानी अगर वो फोन पानी में भींग भी गए तो कुछ नहीं होगा। पिछले साल आईफोन 12 में वॉटर रेसिस्टेंस दावों के गलत पाए जाने के कारण इटली में एप्पल कंपनी पर भी करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसलिए वॉटरप्रूफ या वॉटर रेसिस्टेंट आदि को ठीक से समझने की जरूरत है।

वॉटर रेसिस्टेंट का क्या मतलब? 
सबसे पहले तो यह जान लेना जरूरी है कि वॉटर रेसिस्टेंट का मतलब वॉटरप्रूफ नहीं होता है। वॉटर रेसिस्टेंट होने का मतलब है कि फोन के अंदर पानी का घुसना मुश्किल है और अगर पानी की कुछ बूंदें फोन पर पड़ भी गईं तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर फोन पानी में डूब गया तो उसे नुकसान नहीं होगा, ऐसी स्थिति में फोन को नुकसान जरूर पहुंचेगा।

वॉटर रिपेलेंट का क्या मतलब? 
ऐसे स्मार्टफोन जो वॉटर रिपेलेंट तकनीक से लैस होते हैं, उसका मतलब ये होता है कि फोन पर एक पतली फिल्म चढ़ाई गई है, जो फोन के अंदर पानी नहीं घुसने देगा। फोन में ये फिल्म अंदर और बाहर दोनों तरफ से लगाई जाती है। वॉटर रिपेलेंट तकनीक के लिए ज्यादातर कंपनियां हाइड्रोफोबिक सतह तैयार करती हैं,

वॉटरप्रूफ का क्या मतलब? 
कई ऐसे स्मार्टफोन बाजार में उपलब्ध हैं, जिनपर वॉटरप्रूफ सर्टिफिकेशन भी मिलता है, यानी ऐसे फोन पानी में भी सुरक्षित होते हैं। इनकी खासियत होती है कि ऐसे फोन का इस्तेमाल आप पानी के अंदर भी फोटोग्राफी के लिए कर सकते हैं। तो जब भी आप फोन खरीदने जाएं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप जो फोन ले रहे हैं, वो वॉटरप्रूफ है या वॉटर रेसिस्टेंट या फिर वॉटर रिपेलेंट, वरना आपको नुकसान भी हो सकता है।

 

 

 

 

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