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अंग्रेजों के जमाने की डबल डेकर बस का अंतिम सफर

अंग्रेजों के जमाने की 86 साल पुरानी डबल डेकर बसों की विदाई तय हो गई है। मुंबई की सड़कों पर डबल डेकर बस अपने आखिरी सफर पर दौड़ेगी। वहीं इस बस को म्यूजियम में रखकर संग्रहित करने भी तैयारी है। 15 सितंबर को इस बस को आखिरी सफर पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इसके बाद यह बस मुंबई की सड़कों पर दिखाई नहीं देगी। बस की संचानन मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट द्वारा किया जाता है।

1937 से दौड़ रही थीं डबल डेकर बसें

5 अक्टूबर को ओपन टॉप नॉन-एसी डबल डेकर बस भी बंद हो जाएगी। डबल डेकर बसें 1937 में दौड़ने लगी थीं। ओपन टॉप डबल डेकर बसें 26 जनवरी 1997 महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम द्वारा शुरू की गईं। मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (MEST) के एक अधिकारी ने बताया कि इन बसों को 15 साल की सेवा के बाद स्क्रैप बना दिया जाता है, लेकिन अब आगे इस बसों को शुरू करने की योजना नहीं है। इसका मतलब यह है कि डबल डेकर बसें बंद की जा रही हैं।

इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना

मुंबई प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इन बसों की जगह एसी से युक्त डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना है। 900 बसों का ऑर्डर दिया जा चुका है। 16 बसें पहले से दौड़ रही हैं। 8 और बसें जल्द से जल्दी बेड़े में शामिल हो जाएंगी। पिछले कुछ सालों में मुंबई रोडवेज के बेडे में डबल डेकर बसों की संख्या कम हुई है। 120 बसें थीं, जो कोरोना काल के बाद 7 ही रह गईं। इनमें से 4 आम लोगों के लिए दौड़ रही हैं। वहीं 3 बसें मुंबई दर्शन सेवा दे रही हैं।बता दें कि इस समय शहर में 3 हजार से अधिकर बसें दौड़ रही हैं, जिनका औसतन 30 लाख लोग रोज इस्तेमाल करते हैं।

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