तेज़ बारिश में कहां तक टिकेंगी उत्तराखंड की ऑल वेदर सड़कें? टिहरी में मिला जवाब

[ad_1]

टिहरी में नेशनल हाईवे पर ऑल वेदर रोड की तस्वीर

टिहरी में नेशनल हाईवे पर ऑल वेदर रोड की तस्वीर

राज्य में खास तौर से बेहतर कनेक्टिविटी और सख्त मौसम की मार को ही मद्देनज़र रखते हुए इस तरह की सड़कें बनाई गईं, लेकिन टिहरी गढ़वाल की एक सड़क टूटने से चिंता बढ़ गई है, वहीं स्थानीय लोग खतरे के साये में हैं.

टिहरी. प्रदेश में खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश के चलते नदियों के उफान पर होने और भूस्खलन की खबरों के बीच एक और खतरा पैदा हो गया है. बारिश की मार सड़कों पर पड़ रही है और खराब क्वालिटी के चलते कई इलाकों में सड़कें टूटने लगी हैं. यही नहीं, नेशनल हाईवे पर बनाई गई ऑल वेदर सड़कों तक का यह हाल कि बारिश का एक सीज़न नहीं झेल पा रहीं. टिहरी में एनएच-94 पर टनल को जोड़ने वाली सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूट जाने और पुश्तों में दरारें पड़ने से अब आसपास के करीब एक दर्जन मकानों के लिए भी खतरा पैदा हो गया है. दावा था कि यह सड़क हर मौसम में लंबे समय तक कारगर होगी, लेकिन अब गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

टिहरी में ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत एनएच-94 का चौ़ड़ीकरण किया गया और चंबा में 440 मीटर टनल का निर्माण किया गया, लेकिन जिस संस्था का ठेका मिला, अब उसकी लापरवाही आसपास के लोगों पर भारी पड़ रही है. 19 जून को हुई बारिश ने टनल को जोड़ने वाली सड़क का बड़ा हिस्सा गुल्डी गांव के पास टूट गया. बारिश के कारण पुश्तों में भी दरारें बढ़ने लगी हैं और आसपास के करीब एक दर्जन मकानों को खतरा पैदा हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार बीआरओ और ज़िला प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.

ये भी पढ़ें : उत्तराखंड में नदियां हुईं खतरनाक, अलकनंदा में डूबे गढ़वाल के निचले इलाके

uttarakhand news, uttarakhand rains, uttarakhand weather, weather news, उत्तराखंड न्यूज़, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड मौसम, मौसम समाचार

इस सड़क निर्माण को लेकर स्थानीय लोग बीआरओ और प्रशासन से लगातार शिकायतें करते रहे हैं.

एक बारिश नहीं झेल पाई ऑल वेदर सड़क

करोड़ों के प्रोजेक्ट के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री को जोड़ने के लिए बनाई गई टनल की सड़क का विधिवत उद्घाटन भी नहीं हुआ था और पहली ही बारिश में सड़क टूट गई है. गुल्डी गांव के पास लगातार सड़क टूट रही है. पुश्तों में दरारें बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अपने मकान ध्वस्त होने तक का खतरा नज़र आ रहा है. लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण के समय ही आपत्ति ली गई थी क्योंकि इससे सटे करीब एक दर्जन मकानों में दरारें दिख रही थीं. पहले एक मीटर की दीवार का विकल्प दिया गया, फिर इसे और बढ़ाया गया, लेकिन खतरा अब तक टला नहीं है. इस बारे में लोगों की शिकायतों और आरोपों पर एसडीएम का कहना है कि बीआरओ के साथ बैठक की गई है और संभावित क्षेत्र का एक्सपर्ट टीम द्वारा सर्वे कराया जाएगा.

स्थानीय लोगों की मानें तो ऑल वेदर प्रोजेक्ट की सड़क की पहली ही बारिश में जो हालत हुई, उसने कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली और गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके बाद ज़िले की ही नहीं, बल्कि प्रदेश की कई ऐसी सड़कों को लेकर चिंता बढ़ रही है.





[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top