Flash Story
DBS:फेस्ट में दून कालेजों के छात्रों का संगम,समापन सत्र में पहुंचे मंत्री सुबोध उनियाल
देहरादून :  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लिवर रोगों  को दूर करने में सबसे आगे 
जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए क्या हैं नियम
क्या आप जानते हैं किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
आग में फंसे लोगों के लिये देवदूत बनी दून पुलिस
आगर आपको चाहिए बाइक और स्कूटर पर AC जैसी हवा तो पड़ ले यह खबर
रुद्रपुर : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर युवती से एक लाख से ज्यादा की ठगी
देहरादून : दिपेश सिंह कैड़ा ने UPSC के लिए छोड़ दी थी नौकरी, तीसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना

कबाड़ और कचरे से बना सीमेंट : पर्यावरण को बचाने का अनोखा तरीका

आज दुनिया भर में पर्यावरण को बचाना एक बड़ी समस्या बना हुआ है। दुनिया भर मे लोग पर्यावरण को बचाने के लिए अलग अलग पहल कर रहे है।  शहर हो या महानगर, हर जगह प्रदूषण का दानव तेजी से बढ़ रहा हैं। देखा जाए तो कंस्ट्रक्शन के कारण बहुत ही ज्यादा प्रदूषण फैल रहे है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कंस्ट्रक्शन के कारण पर्यावरण को बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है। जहा इस समस्या को लेकर दुनिया भर के लोग परेशान है और अलग अलग उपाय खोज रहे है वही भारत की नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनी ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक खास तरीका निकाला है। यह कंपनी दावा कर रही है कि निर्माण सेक्टर से पर्यावरण को नुकसान नहीं बल्कि उल्टा फायदा होगा।

क्या है उपाए

नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज की सीमेंट बनाने वाली कंपनी नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्री ने हरे सीमेंट का निर्माण किया है।  नवरत्न ग्रीन क्रीट  एक ऐसा ही आविष्कार है जो सीमेंट  बनाने के लिए कबाड़ या कचरे का इस्तेमाल करता है।  महत्वपूर्ण यह है कि लैंडफिल्स की संख्या घट रहा है।

पर्यावरण के लिए वरदान ग्रीन सीमेंट

निर्माण क्षेत्र का पर्यावरण से सीधा संबंध है। कहीं भी प्रदूषण की समस्या बढ़ने से सरकार सबसे पहले निर्माण कार्यों पर रोक लगाती है। नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज की सीमेंट बनाने वाली कंपनी नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्री ने हरे सीमेंट का निर्माण किया है जिससे अब निर्माण सेक्टर से पर्यावरण को नुकसान नहीं बल्कि उल्टा फायदा होगा। कंपनी ने दावा किया है की ग्रीन सीमेंट बनाने के लिए कबाड़ और कचरे का इस्तेमाल होता है जिस कारण से आसपास से तेजी से कचरा तेजी से घटता जा रहा है और पहाड़ो को नुकसान भी नहीं पहुँचता ।

नवरत्न ग्रुप ने किए बड़े दावे
इस खोज पर नवरत्न ग्रुप के चेयरमैन हिमांश वर्मा ने बताते हैं कि ग्रीन सीमेंट निर्माण के क्षेत्र में एक नई दिशा देने का काम करेगा और यह उनकी  बड़ी खोज है।  इस खोज से लोगो को प्रदूषण से राहत मिलेगी और बिना परेशानी के काम भी होग।  वो बताते हैं कि सीमेंट उद्योग के लिए “लाल” श्रेणी की छाया से बाहर आने का समय है, क्योंकि प्रदूषण में इसके योगदान के कारण वातावरण में कुल कार्बन उत्सर्जन का 8% हिस्सा है। दूरदर्शी होने के नाते वर्मा अपने समय से आगे की सोचते हैं और निर्माण के लिए सही विकल्प के साथ आने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को शामिल किया है. ग्रीन सीमेंट पुन: उपयोग किए गए पदार्थ का उपयोग करके निर्मित होता है जिसमें फ्लाई ऐश और दानेदार स्लैग शामिल होते हैं। वर्मा कहते हैं यह पारंपरिक सीमेंट की तुलना में कठिन, लागत प्रभावी, लंबे समय तक चलने वाला और निर्विवाद एक बुद्धिमान विकल्प है।नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही बड़ी कंपनियों का समूह है।  इस समय नवरत्न ग्रुप  को ज्यादातर लोग एक ऐसे ब्रांड के तौर पर पहचानते हैं जो विविधतापूर्ण उद्योगों में काम कर रहा है। कंपनी का जोर पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी आविष्कारों पर रहता है। नवरत्न ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज मे विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वैकल्पिक ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, बासाल्ट खनन, कृषि, अधोसंरचना और परिवहन शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top