युवाओं की बदल रही लाइफस्टाइल उन्हें बीमारियों के जाल में फंसा रही है। आज युवा सबसे अधिक मधुमेह यानी शुगर की बीमारी से ग्रसित हैं। डॉक्टर ने कहा कि यदि मधुमेह से बचना है तो सबसे पहले समय पर बैलेंस डाइट लें, साथ ही हर दिन कम से कम एक घंटे वाक करें और नियमित व्यायाम व योग करें।
उन्होंने कहा कि प्रयास होना चाहिए कि दिन भर में अनाज एक बार लिया जाए और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स की भी थाली में मात्रा शामिल हो।
उन्होंने कहा कि शुगर के बाद जोड़ों में दर्द जैसी समस्या को न्यूरोपैथी कहते हैं। इसका इलाज संभव है। अगर मधुमेह रोगी का शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो यह समस्या देखने को मिलती है। न्यूरोपैथी के 80 प्रतिशत आरक्षण डेढ़ से दो माह में ठीक हो जाते हैं। इसके लिए लगातार संयमित खानपान, व्यायाम और बताए गए दवा समय पर लेना होता है।
क्या मधुमेह बीमारी अनुवांशिक है इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि मधुमेह बीमारी अनुवांशिक है यदि माता-पिता को शुगर है तो बच्चे को शुगर होने की संभावना 70 से 100 प्रतिशत तक हो सकती है। इसके अलावा माता-पिता में किसी को भी शुगर है तो बच्चे को शुगर होने की संभावना 30 प्रतिशत तक होती है। हालांकि इससे बचा जा सकता है, यदि खानपान सही किया जाए, शारीरिक परिश्रम बढ़ाया जाए, बच्चे को किसी ना किसी फिजिकल एक्टिविटी से जोड़ा जाए तो शुगर से बचा जा सकता है। इन सब में जरूरी है कि भोजन समय पर हो और उतना ही खाए जितना जरूरी हो।