मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा करते हुए प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण श्रोत बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने पर्यटन की दृष्टि से बहुत अधिक समृद्ध बनाया है। मुख्य सचिव ने पिछली बैठक के निर्देशों के अनुपालन में पर्यटन विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग और कयाकिंग के लिए सर्वे करवा कर नए स्थानों का चिन्हीकरण कर राफ्टिंग और कयाकिंग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने पैरा सेलिंग, वाटरबाइक, ऐरो पैरामोटर, ऐरो पैराग्लाइडिंग आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए स्पर्धाएं एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इनका प्रचार प्रसार भी किया जाए ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि टिहरी झील में हाउस बोट और क्रूज आदि के साथ ही फिक्स्ड हॉट एयर बैलून की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना के अंतर्गत मंदाकिनी घाटी की खूबसूरती को एक्सप्लोर किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने एस्ट्रो टूरिज्म की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का वातावरण इसके लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि बेनिताल एस्ट्रो विलेज की तर्ज पर आसपास अन्य एस्ट्रो विलेज पर तेजी से कार्य करते हुए चारधाम यात्रियों को इस और आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम एक एस्ट्रो विलेज विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, रोपवे परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा ऑफिस, मानसखंड कॉरिडोर के कार्यों में भी गति लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों को रेडियो बैंड उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इस क्षेत्र में बहुत सी तकनीकें उपलब्ध हैं। उनका अध्ययन कर सबसे उपयुक्त वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए। इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।