Delhi News : कोरोनिल पर बाबा रामदेव के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची मेडिकल एसोसिएशन, आज सुनवाई

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बाबा रामदेव ने 2020 में लॉंच की थी कोरोनिल किट.

बाबा रामदेव ने 2020 में लॉंच की थी कोरोनिल किट.

पिछले साल जब हरिद्वार में मुख्यालय रखने वाली आयुर्वेदिक औषधि कंपनी पतंजलि ने कोरोनिल दवा लॉंच की थी, तब भी इसे लेकर विवाद हुआ था और बाद में इसे कोरोना की प्रामाणिक दवा की जगह ‘सपोर्टिंग मेडिसिन’ कहा गया था.

नई दिल्ली. एलापैथी बनाम आयुर्वेद की बहस के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 1000 करोड़ रुपये के मानहानि दावे के नोटिस के बाद योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने भी कदम उठाया है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि रामदेव पतंजलि की कोरोनिल दवा के बारे में गलत बयानबाज़ी कर रहे हैं और भ्रामक सूचनाएं फैला रहे हैं. डीएमए ने रामदेव को ऐसा करने से रोकने के लिए बुधवार को हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. इस मामले में जस्टिस सी ​हरिशंकर की अदालत में आज गुरुवार को सुनवाई की जानी है.

इस बारे में एक ट्ववीट करते हुए बार एंड बेंच ने जानकारी दी. बता दें कि इससे पहले दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने 22 मई को रामदेव के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई थी क्योंकि रामदेव ने कथित तौर पर एलोपैथी को ‘स्टूपिड साइंस’ कहा था. यही नहीं, ​एसोसिएशन से जुड़े कई डॉक्टरों ने रामदेव के बयानों का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

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गौरतलब है कि आईएमए के साथ विवाद गहराने के बाद देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक चिट्ठी रामदेव को​ लिखी थी, जिसके बाद उन्होंने अपने बयानों को वापस लेते हुए खेद जताया था. इसके बावजूद बहस पर विराम नहीं लगा और टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक यह बहस जारी रही. इस बहस में ताज़ा अपडेट के मुताबिक रामदेव ने एलोपैथी और आयुर्वेद के समन्वय पर आधारित एक ‘इंटीग्रेटेड पैथी’ की वकालत करते हुए बहस खत्म करना चाही थी.







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