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कैंसर पीड़ित पुलिसकर्मी के लिए डीजीपी अशोक कुमार बने मसीहा 

अब एक ऎसी खबर जो समाज के लिए एक सकारात्मक सन्देश देती है। हमारी और आपकी सुरक्षा में हर दिन हर मौसम में अलर्ट रहने वाले पुलिसकर्मियों की ज़िंदगी से जुडी ये खबर आपको एक सन्देश देती है कि मिलकर कैसे समस्याओं से जीता जा सकता है। ये खबर जुडी है रामनगर स्थित आईआरबी प्रथम में नियुक्त अपर गुलनायक जगदीश चन्द्र भट्ट की जो अंतिम स्टेज के कैंसर रोग से ग्रसित हैं.उनके द्वारा हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट, देहरादून में उपचार कराया जा रहा है।

जगदीश भट्ट की 4 चरण इम्युनोथेरेपी कराई जानी थी, जिसमें एक चरण में 8 लाख 73 हजार का खर्च आ रहा था। उनके द्वारा पुलिस मुख्यालय से जीवन रक्षक निधि हेतु अनुरोध किया गया। ऐसे में सामने आये संवेदनशील आईपीएस और उत्तराखंड पुलिस के प्रमुख डीजीपी अशोक कुमार जिन्होंने इस बेहद ख़ास मामले की पूरी जानकारी ली  और तत्काल कैंसर पीड़ित मरीज़ जगदीश से बात कर उन्हें हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।

इसके बाद तेज़ी से फ़ाइल और औपचारिकताएं पूरी करते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा जगदीश भट्ट को इम्युनोथेरेपी कराये जाने हेतु जीवन रक्षक निधि के अन्तर्गत तत्काल सहायता प्रदान करते हुये कुल 4 इम्युनोथेरेपी कराये जाने के लिए 4 किश्तों में कुल 34 लाख 96 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई। इसी कड़ी में  इम्युनोथेरेपी के चौथे चरण हेतु 8 लाख 73 हजार की अंतिम किश्त जारी की गई है। वहीँ विभाग के मुखिया की इस संवेदनशीलता पर जगदीश भट्ट ने बताया कि इम्युनोथेरेपी कराये जाने के उपरान्त उन्हें अत्यधिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुआ है और वे निरन्तर स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। इस केस में वो अपने डीजीपी को कई बार आभार भी जताते रहे।

वहीँ अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने बताया कि कोई भी पुलिसकर्मी स्वयं अथवा अपने माता-पिता, सास-ससुर, अविवाहित पुत्र/पुत्री (कोई आयु सीमा नहीं), जो उन पर पूर्णतः आश्रित हों उपचार हेतु इस निधि का उपयोग कर सकते हैं। इस केस के सामने आने के बाद न सिर्फ पुलिसकर्मी बल्कि आम जनता भी मित्र पुलिस की इस कार्यवाही की दिल खोल कर प्रशंसा कर रही है।

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