दसवें गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और साहिबजादा फतेह सिंह (6 वर्ष) ने अपनी छोटी सी उम्र में ही 26 दिसम्बर 1705 में लिख पंथ के गरिमामयी गीरव की रक्षा हेतु अपने प्राणों को न्यौछावर करके भारत के इतिहास में सर्वोच्च बलिदान दिया था। साहिबजादों की वीरता एवं दिए गए | सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में 25 दिसम्बर को “वीर बाल दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी जो कि एक ऐतिहासिक व सराहनीय कदम है।गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार एवं शिक्षा विभाग को पत्र के माध्यम से एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाने का प्रस्ताव दिया था जो कि सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। प्रदेश के विद्यालयों में यह निबंध प्रतियोगिता तीन स्तरों पर की जाएगी (1) विकास खण्ड स्तर (2.) जनपद स्तर (3) राज्य स्तर।इन स्तरों से निबंध प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ आने वाले प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के विजेता छात्रों को गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा प्रतियोगिता से संबंधित सभी दिशा-निर्देश राज्य के विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थाओं को प्रेषित किए जा रहे है। अन्य प्रदेशों की सरकार एवं शिक्षा विभाग को भी इस प्रकार के कदम उठाने चाहिए जिससे की संपूर्ण भारत के विद्यार्थियों को भारतीय इतिहास की जानकारी प्राप्त हो सके एवं भविष्य की आने वाले पीढ़ी भी इतिहास से जुड़ी रहें।