सिलेंडर को ज्यादातर लोगों ने अपने घर में देखा होगा, सिलेंडर की सतह के पास कुछ छोटे-छोटे छेद बने होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये छेद यहां क्यों बनाए जाते हैं? क्या कभी अपने ये जानने की सोची है। बता दे सबके घरों में रोजाना गैस का इस्तेमाल होता है। रोजाना किचन में इससे ही खाना पकाया जाता है।एलपीजी गैस को ठोस लोहे से बने सिलिंडरों में संग्रहित किया जाता है। यदि आपने गैस सिलेंडर पर ध्यान दिया है, तो आपको पता होगा कि सिलेंडर के नीचे कुछ छेद होते हैं। ठीक नीचे, जिसके ऊपर सिलेंडर का पूरा भार होता है।आपको बता दें कि ये छेद डिजाइन के लिए नहीं हैं, बल्कि इन्हें बनाने के पीछे विज्ञान है। आइए बताते हैं।आपको बता दें कि सिलेंडर पर बने ये छेद बड़े काम के होते हैं। इन छेदों का उपयोग सिलेंडर के अंदर भरी एलपीजी गैस के तापमान को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि गैस सिलेंडर का तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे में इस छेद से हवा गुजरती है, जिससे तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह सिलेंडर के सतही गर्मी से भी बचाता है। कुल मिलाकर ये छेद गैस सिलेंडर को हादसों से बचाते हैं।इसके साथ ही सिलेंडर में छेद होने का एक और फायदा है। ये छेद सिलेंडर के नीचे फर्श को साफ करना आसान बनाते हैं। जब फर्श को पानी से धोया जाता है तो छेद के कारण पानी सिलेंडर के नीचे नहीं फंसता है और हम बहुत आसानी से सिलेंडर का उपयोग करते रहते हैं। गैस सिलेंडर के छेद के अलावा भी कई रोचक तथ्य हैं। जैसा कि आपने देखा होगा कि सभी एलपीजी सिलेंडर लाल रंग के ही बने होते हैं। इसके अलावा इनका आकार बेलनाकार होता है। इसके पीछे भी विज्ञान है। दरअसल, बेलन का रंग लाल होता है, क्योंकि, ताकि इसे दूर से देखा जा सके। इससे सिलेंडर की ढुलाई में आसानी होती है। जबकि उनके डिजाइन बेलनाकार होता है।