जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने कलक्टेªट सभागार में जिला गंगा समिति की बैठक ली। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में बहने वाली नदियों के साथ ही जलाशयों का पानी भी स्वच्छ हो, इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि कार्यों में ऊर्वरक के उपयोग विशेषकर समर पेडी के दौरान मृदा परीक्षण करने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने समय-समय पर नदियों व नहरों के पानी की सैम्पलिंग करने के निर्देश क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को दिये।
उन्होंने जनपद में स्थित जलाशयों की जल सम्भरण क्षमता बढ़ाने के लिए जलाशयों में जमा हो चुकी सिल्ट को हटाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट तथा सोलिड वेस्ट निस्तारण की पूरी जानकारी अधिशासी अधिकारियों को हो, इसलिए बायोमेडिकल वेस्ट तथा सोलिड वेस्ट निस्तारण से सम्बन्धित कार्यशाला आयोजित कराने के निर्देश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को दिये। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वेटनरी की जिनि ईकाईयों को भी बायोमेडिकल वेस्ट से जोड़ा जाये। जिलाधिकारी ने सिंगल यूज प्लास्टिक, स्वच्छता, वाटर रिसाइकिलिंग आदि के प्रति जागरूकता हेतु 1 व 2 अक्टूबर को रैली आयोजित करने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह, परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम मृदुला सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नरेश गोस्वामी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ.आशुतोष पन्त, जिला पर्यटन विकास अधिकारी पीके गौतम आदि उपस्थित थे।