MDDA अल्टीमेटम : राजधानी देहरादून पर लगातार जनसंख्या का दबाव बढ़ता जा रहा है जनसंख्या की जरूरत को देखते हुए प्रति व्यक्ति पानी की किल्लत बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं वैसे भी गर्मियों में राजधानी देहरादून का जलस्तर गिर जाता है, पानी के दोहन को लेकर के एमडीडीए ने राजधानी देहरादून के निजी स्कूलों को जल संरक्षण के लिए चेताया है..
चिंता का कारण यह है कि हम जितना अपनी अपनी जरूरत के लिए प्रयोग करते हैं उसका चौथाई भी संरक्षण नहीं करते हैं जल के संरक्षण से तात्पर्य भूजल के रिचार्ज होने से है इसी को लेकर पानी को बचाने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में एक बड़ा कदम उठाया है एमडीडीए उपाध्यक्ष ने सभी निजी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जिसे वर्षा जल संग्रहण कहते हैं इसकी अनिवार्यता के संकेत स्कूल प्रबंधन को दे दिए हैं साथ ही उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के आदेश के मुताबिक स्कूल प्रबंधन को 6 महीना का वक्त दिया गया है तिवारी के आदेश के अनुसार जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण की तेज रफ्तार से पानी की मांग बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है जिसके लिए भूजल के रिचार्ज पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है जल के प्रयोग और रिचार्ज के अनुपात में प्रबंधन करने के लिए एमडीडीए ने यह कदम उठाया है।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि जिन स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के इंतजाम पहले से हैं वह इस आदेश के प्रति के एक हफ्ते के अंदर कार्यालय को सूचित करें अन्यथा नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम के तहत उसे विद्यालय के प्रति सख्त कार्रवाई की जाएगी तिवारी ने सभी सहायक अभियंताओं को आदेश दिया है कि वह अपने-अपने सेक्टर में आदेश का पालन करना सुनिश्चित करें।
मालूम हो कि राजधानी देहरादून में भूजल का स्तर औसतन 3 मीटर नीचे चला गया है जबकि पूर्व में भूजल का औसत स्तर 12 मीटर था जो कि अब 15 मी हो गया है इतना ही नहीं पेयजल के अन्य स्रोत अनियंत्रित और अनियोजित विकास के चलते या तो सूखते जा रहे हैं या खत्म होते जा रहे हैं।