उत्तराखंड के ब्यूरोक्रेट्स और ऑफिसर ही अपनी प्रतिभा का लोहा नहीं मनवाते हैं बल्कि उनके होनहार बच्चे भी देव भूमि का नाम देश दुनिया में रोशन करने में किसी से कम नहीं है। बात खेल के मैदान की हो या किसी अन्य प्रतिभाशाली क्षेत्र की… उत्तराखंड के कई ऐसे आईएएस आईएफएस और आईपीएस अधिकारी हैं जिनके होनहार नौनिहाल अलग-अलग क्षेत्रों में खेल प्रतिभा के साथ अपने टैलेंट से न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन कर रहे हैं।
उपलाधियों भरी इन्हीं फेरहिस्त में अब नाम जुड़ गया है गढ़वाल रीजन के प्रमुख वन संरक्षक सुशांत पटनायक की होनहार बेटी शेराली पटनायक का , जिन्होंने केवल 12 साल की उम्र में ही 34वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में 134 खिलाड़ियों को मात देते हुए बालिका वर्ग में 5वां स्थान हासिल करते हुए कमाल का खेल दिखाया है।
अपनी प्रतिभाशाली बिटिया शेराली की उपलब्धि से पटनायक दंपति जहां गौरवशाली लम्हे का अनुभव कर रहे हैं , वहीं विभागीय अधिकारियों , शुभचिंतको और रिश्तेदारों की बधाई देने का लंबा दौर जारी है।
आपको बता दें कि शांत , गंभीर और दिमागी हुनर से जीते जाने वाले शतरंज के इस खेल में देश की बेटी का ये शानदार आगाज़ एक बेहतरीन भविष्य की नींव को मजबूत बनाएगा।
कर्नाटका में 9 से 14 अप्रैल तक आयोजित हुई 34 वी राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में उत्तराखंड के तीन खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में बालिका वर्ग में कुल 134 खिलाड़ियों ने जहां अपनी दावेदारी पेश की थी , वहीं बालक वर्ग की बात करें तो 238 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। देवभूमि उत्तराखंड की होनहार खिलाड़ी शेराली पटनायक सेंट जोसेफ एकेडमी देहरादून में आठवीं की छात्रा है । प्रतियोगिता के बालक वर्ग में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले बागेश्वर के सदभव रौतेला ने दसवां स्थान हासिल किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जिस तरह से इन खिलाड़ियों ने शुरुआती दौर में अपना राष्ट्रीय स्तर पर हुनर दिखाया है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले दिनों में तमाम प्रतियोगिताओं को जीतते हुए ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी अपना परचम लहराने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे । न्यूज़ वायरस मीडिया समूह ऐसे देश के ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं देता है।