जर्मनी के फ्रेडरिक रिडेल इंस्टाग्राम पर कुछ ज्यादा ही वक्त बिताने लगे थे। हालांकि यह हाल में हुआ बदलाव नहीं था। रिडेल दुनिया के बाकी लोगों की तरह कोरोना लॉकडाउन की वजह से बर्लिन में अपने घर पर रहने को मजबूर थे। इसलिए उनके हाथ मोबाइल पर बने ऐप के आइकन (वर्गाकार बॉक्स) पर चले ही जाते थे।
वे खुद भी अच्छी तरह समझते थे कि उन्हें सोशल मीडिया ऐप्स की लत लग गई है। ऐसा नहीं है कि रिडेल ने इससे बचने के जतन नहीं किए। उन्होंने मोबाइल पर वह फंक्शन आजमाया, जो ऐप इस्तेमाल करने की समय सीमा निर्धारित करता है। पर वे इस आदत पर नियंत्रण पाने में नाकामयाब ही रहे।सोशल मीडिया की लत से छुटकारे के लिए ऐप बनाया
रिडेल कहते हैं, ‘हममें से ज्यादातर लोग इस स्थिति से गुजर रहे हैं। फिर ऐप डेवलपर होने के नाते मैंने इसका हल खोजने की कोशिश की।’ उनका समाधान बहुत सरल था। उन्होंने ‘वन सेक’ ऐप बनाया, जो सोशल मीडिया आइकन पर अंगुली रखने पर सक्रिय हो जाता है। इससे सोशल मीडिया ऐप खोलने की प्रक्रिया जारी रखने के लिए 10 सेकेंड इंतजार करना पड़ता है। इस अवधि में ऐप यूजर को गहरी सांस लेने के लिए प्रेरित करता है।
रिडेल ने देखा कि इसके इस्तेमाल के बाद उनका सोशल मीडिया उपयोग तेजी से घटने लगा। रिडेल के मुताबिक इतना छोटा सा बदलाव भी हमारी आदतों को लंबे वक्त तक प्रभावित करता है। 2020 के अंत में रिडेल ने एपल के ऐप स्टोर पर वन सेक आईओएस ऐप अपलोड किया।ऐप्स की लत किशोरों के लिए बड़ी चुनौती
सोशल मीडिया की लत बड़ी समस्या है। प्यू रिसर्च के मुताबिक, 35% अमेरिकी किशोरों ने स्वीकार किया है कि वे कम से कम एक सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल लगातार कर रहे हैं। 36% किशोर महसूस करते हैं कि वे सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताते हैं, वहीं 54% मानते हैं कि इसे छोड़ना बहुत ही मुश्किल होगा।