सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुयी समीक्षा बैठक, प्रथम सीमांत गाँव माणा में आयोजित विकास कार्यों पर हुई चर्चा….

बैठक में निम्न बिंदुओं पर उपस्थित विभागीय अधिकारियों व ग्रामीणों के साथ संवाद किया गया।

1. ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रामीणों की भूमि का भू उपयोग परिवर्तन नहीं हो पा रहा है जिस कारण उद्यम स्थापना, व्यापार आदि किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए वित्तीय आवश्यकता हेतु बैंक लोन प्राप्त करने में कठिनाई आ रही है। माणा एवं घिंघराण (भोटिया पडाव) जहाॅ कि वर्ष में दो पडाव में निवास करते हैं , इस दूसरे पड़ाव में सरकार की कोई भी सुविधा प्राप्त नहीं हो पाती। निर्देश दिये गये कि जिलाधिकारी जनपद में इस तरह के सभी स्थानों जहाॅ जनता छः माह उच्च स्थानों व छः माह जनपद के ही अन्य स्थानों पर निवास करती हैं का उचित सर्वे कराकर सूचना शासन को उपलब्ध करायें।
2. वाइब्रेंट विलेज के जनपद स्तरीय अधिकारियों का जो भ्रमण रोस्टर बनाया गया है उसका समुचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए एवं इसकी सूचना सम्बन्धित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी दे दी जाये।
3. ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होमस्टे योजना में होमस्टे प्रोजेक्ट में लागत ज्यादा आने की वजह से इसमें सब्सिडी की धनराशि बढाये जाने की आवश्यकता है।
4. ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें अपने पारंपरिक पूजा पाठ के स्थानों पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने के लिए जो बॉर्डर लाइन का क्षेत्र है वहां तक नहीं जाने दिया जाता है इस पर सचिव महोदय द्वारा निर्देश दिए गए कि जिलाधिकारी सिविल व आर्मी के मध्य होने वाली कोआर्डिनेशन बैठक में ग्राम प्रधान द्वारा उठाए गए इस बिंदु का समाधान करना सुनिश्चित करेंगे।
5. ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि गांव में 6 महीने न रहने के बावजूद भी बिजली के बिल विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं इस पर रोक लगाई जाए। निर्देशित किया गया कि जलसंस्थान की तर्ज़ पर निर्णय लेने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाय।
6. यह तथ्य भी संज्ञान में आया है कि माणा गांव में अव्यवस्थित ढंग से बेतरतीब दुकानों का निर्माण किया जा रहा है जिससे अतिक्रमण की संभावना के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन इस पर प्रभावी कार्रवाई करें।
7. जनपद में बहुउद्देशीय शिविरों का निरंतर आयोजन किया जाए तथा समस्त विभाग इस शिविर में अपनी योजना की जानकारी आम जनता तक पहुंचाए एवं अन्य जो भी सुविधा दी जा सकती है उसे तत्काल शिविर में ही देना सुनिश्चित किया जाए।
8. कृषि विभाग द्वारा माणा गांव में किसानों को दिए जाने वाले छोटे-छोटे पावर वीडर का प्रशिक्षण करवाना सुनिश्चित करें तथा इसके साथ ही जनपद के अन्य सभी किसानों को भी कृषि यंत्रों के उपयोग का समुचित प्रशिक्षण दिया जाए ताकि सरकार द्वारा वितरित किए जा रहे कृषि यंत्रों का किसानों द्वारा समग्र रूप से उपयोग कृषि कार्य में किया जा सके। सचिव द्वारा सभी ग्रामीणों से भी अनुरोध किया गया कि वो भी इसमें अपना समुचित सहयोग प्रदान करें।
9. पशुपालन विभाग को बद्री गाय पालन को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास वाइब्रेंट विलेज में करने होंगे ताकि इससे स्थानीय पशुपालकों की आगे बढ़ने के साथ ही बद्री गाय के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
10. जनपद में स्थित महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के वितरण और विपणन की व्यवस्था बनाई जाए ताकि वह लोग जो इस देव भूमि के उच्च हिमालय क्षेत्रों में स्थित चारधामों तक नहीं पहुंच पाते हैं उन तक प्रसाद पहुंच सके। इसके लिए देश के सभी एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर उनकी उपलब्धता सुनिष्चित की जाये।
11. ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि उद्योग विभाग द्वारा बुनकरों को छोटे-छोटे लूम दिए जाएं ताकि इन्हें आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर माइग्रेशन के दौरान ले जाया जा सके, ग्रोथ सेंटर का व्यवस्थित संचालन हो, बुनकर सेवा केंद्र चमोली के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न बुनकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ स्थानीय बुनकरों को प्रदान किया जाए।
12. माणा गाॅव के ग्रामीण उद्योग विभाग से संबंधित अन्य बिंदु महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र गोपेश्वर चमोली को उपलब्ध कराएंगे ताकि इस पर विभाग द्वारा सक्षम स्तर से नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

बैठक में डा0 ललित नारायण मिश्र मुख्य विकास अधिकारी, डा0 अभिषेक त्रिपाठी अपर जिलाधिकारी, श्री आनन्द सिंह, परियोजना निदेशक, श्री चंचल सिंह बोहरा महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, यूपीसीएल, पर्यटन विभाग, जिला पंचायतराज अधिकारी, एसडीओ वन प्रभाग, लघु सिंचाई, जडी बूटी शोध संस्थान के अधिकारी सहित माणा गाॅव के ग्रामीण व ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

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