लिक्विडिटी का मतलब होता है कोई फंड करेंसी या मैटेरियल कितनी जल्दी एक्सचेंज किया जा सकता है। यानि कि आप उससे कितनी जल्दी कुछ दूसरी चीज खरीद सकते हैं। इसी आधार पर पैसों को सबसे ज्यादा लिक्विड माना जाता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश तो हम सभी कर रहे हैं, लेकिन यह एक लॉन्ग टर्म का निवेश होता है। अगर आप कम समय में म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं और अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए एक शानदार फंड है लिक्विड फंड, जिसमें निवेश काफी कम समय के लिए होता है और रिटर्न मिलने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
लिक्विडिटी का मतलब होता है कोई फंड, करेंसी या मैटेरियल कितनी जल्दी एक्सचेंज किया जा सकता है। यानि कि आप उससे कितनी जल्दी कुछ दूसरी चीज खरीद सकते हैं। इसी आधार पर पैसों को सबसे ज्यादा लिक्विड माना जाता है। लिक्विड फंड भी ऐसे ही म्यूचुअल फंड होते हैं जिनकी मेच्योरिटी मात्र 91 दिनों की होती है।
लिक्विड फंड एक तरीके के डेट फंड होते हैं जिनमें 3 महीने की मेच्योरिटी होती है। इसके द्वारा डेट और मनी मार्केट के ऑप्शन में निवेश किया जाता है। इनकी लिक्विडिटी काफी ज्यादा होती है। इनके द्वारा अधिकतर निवेश डेट में किया जाता है, इसलिए इनके द्वारा मिलने वाला रिटर्न भी काफी हद तक फिक्स ही होता है। आपकी सिक्योरिटी मेच्योर होने के बाद आपको निश्चित ब्याज दर के साथ रिटर्न मिलता है।
इसमे निवेश करने के कई फायदे हैं। सबसे पहला फायदा तो ये है कि यह एक शॉर्ट टर्म निवेश है जिसमें आपको अधिक समय नहीं देना होता। मात्र 3 महीने में ही आपका निवेश मेच्योर हो जाता है। इनकी लिक्विडिटी काफी ज्यादा होती है। इसलिए आपको सिक्योरिटीज बेचने या खरीदने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी होती। साथ ही ये डेट और मनी मार्केट सिक्योरिटीज होती हैं इसलिए इनमें निवेश कम जोखिम भरा होता है।
अगर आप मेच्योरिटी से पहले भी इन्हें बेचते हैं तो आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता है। 7 दिनों के बाद ही निवेश की गयी पूंजी को वापस लेने पर भी आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता।