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क्या आप जानते हैं Fixed Deposits करने के बड़े फायदे ?

हर किसी की इच्छा होती है कि उसके बचत पर सबसे ज्यादा ब्याज तो मिले ही साथ ही उसकी सुरक्षा की गारंटी भी. अमूमन बाजार से जुड़े प्रचलित प्लान में समस्या बाजार के उतार-चढ़ाव के साथ पैसे का कम ज्यादा होना दिक्कत सा लगता है. ऐसा ही नहीं है यदि जरूरत पर आपको पैसा निकालना है तब उस समय बाजार की चाल कैसी है इस आपके जमा धन की वापस की रकम तय होती है. यही कारण है कई लोग बाजार से जुड़ी तमाम योजनाओं से दूरी बनाए रखते हैं. आखिर ऐसे लोग market link plan के बजाय सुरक्षित योजना में क्यों निवेश करते हैं. हम आपको 5 आसान कारण बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको भी निवेश करते समय ध्यान में जरूर रखना चाहिए.

फिक्स्ड डिपॉजिट करते समय बैंक में जो ब्याज दर होती है और जो रकम मैच्योरिटी पर दी जानी है वह उस समय दी जाती है. साथ ही बाजार के उतार चढ़ाव पर ब्याज दर पर असर नहीं पड़ेगा. बैंक यदि ब्याज दर बदलता भी है, तब भी मैच्योरिटी की रकम नहीं बदलती. यह निवेश निश्चित कालावधि के लिए होता है. अकसर देखा जाता है कि बैंकों के बचत खाते में रखी रकम से ज्यादा ब्याज एफडी पर मिलता है.जमा राशि और मैच्योरिटी रकम वापसी की गारंटी

किसी भी बैंक में किए गए फिक्स्ड डिपॉजिट की रकम की गारंटी होती है. यह शेड्यूल बैंक किए गए एफडी की डीआईसीजीसी DICGC (निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम Deposit insurance and Credit guarantee corporation) गारंटी देता है. डीआईसीजीसी RBI (आरबीआई) द्वारा संचालित संस्था है. DICGC द्वारा FD, RD और चालू खाता के लिए इंश्योरेंस कवर दिया जाता है. यह कवर हर बैंक में हर निवेशक के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये तक होता है. यह भी तब संभव है जब बैंक दिवालिया हो जाए. वरना बैंक तय तिथि पर तय रकम जमाकर्ता को दे देगा.

टैक्स में छूट

बैंकों से मिली एफडी की रकम पर टैक्स में छूट ली जा सकती है यदि इसे कम से कम 5 साल के लिए रखा जाए. एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. हालांकि मिले ब्याज पर जमाकर्ता को नियमानुसार टैक्स देना होता है.एफडी पर मिलता है लोन

एफडी पर लोन की सुविधा भी मिलती है. एफडी पर मिलने वाला लोने एक प्रकार से ओवरड्राफ्ट सुविधा होती है. अकसर बैंक एफडी पर देने वाले ब्याज से 2 प्रतिशत अधिक ब्याद पर लोन दे दिया करते हैं. साथ ही एफडी की रकम पर ही लोन दी जाने वाली रकम की सीमा तय होती है. खास बात यह है कि लोन की अवधि के दौरान भी जमाकर्ता को एफडी का ब्याज यथावत जोड़ा जाता है.

एफडी के एवज में क्रेडिट कार्ड

जिन लोगों को क्रेडिट स्कोर कम होता है उन लोगों को क्रेडिट कार्ड मिलने में काफी दिक्कतें आती हैं. लेकिन ऐसे लोग अपनी एफडी के एवज में क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं. कुछ वित्तीय संबंधी कंपनियां इस प्रकार की सुविधी देती हैं.

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