भारत के सबसे बड़े लग्जरी क्रूज का प्रधानमंत्री मोदी 13 जनवरी को वाराणसी से हरी झंडी दिखाएंगे। ये लग्जरी क्रूजर देश के सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से गुजरेगी। एमवी गंगा विलास 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेंगी। भारत ने दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज के रूप में, इसमें 50 पर्यटन स्थलों को जोड़ा है। 62 मीटर लंबा जहाज प्रदूषण मुक्त सिस्टम और शोर नियंत्रण तकनीक से लैस ये क्रूजर राष्ट्रीय उद्यान से लेकर विश्व धरोहर स्थल के खूबसूरत नजारें दिखाता हुआ आगे बढ़ेगा। देश क्रूजर भारत के कई शहरों से होता हुआ बांग्लादेश की राजधानी ढाका तक भी जाएगा।गंगा विलास पर आने वाले पर्यटकों को बनारस की गंगा आरती का अनुभव कराते हुए बौद्धों के तीर्थ स्थल सारनाथ का दौरा करते हुए असम में प्रसिद्ध माजुली द्वीप भी ले जाएगा जाएगा। सुंदरबन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी इस दौरे का हिस्सा होगा। पर्यटक इसमें बैठ कर बिहार स्कूल ऑफ योगा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी दिखेंगे। यहां उन्हे भार की प्रीचीन आध्यात्मिकता और ज्ञान की विरासत के बारे में पता चलेगा। बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने इसके बारे में बताया।
गंगा विलास क्रूजर में तीन डेक और 18 सुइट हैं, जिसमें लगभग 36 पर्यटक रूकेंगे। इस क्रूजर में सबसे पहले बैठने वाला पर्यटकों का ग्रुप स्विट्जरलैंड से है। एमवी गंगा विलास को कोलकाता स्थित अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ द्वारा तैयार किया गया है।