कवच की वजह से आमने-सामने से आ रही ट्रेनें अपने-आप रुक गईं
केन्द्रीय मंत्री की उपस्थिति में, ‘कवच’ का व्यापक परीक्षण किया गया. रेल मंत्री उस स्वचालित इंजन पर सवार थे जो गुल्लागुडा से चिटगिड्डा की ओर गया रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी. के. त्रिपाठी उस स्वचालित इंजन पर सवार थे जो चिटगिड्डा से गुल्ला गुडा जा रहा था.
परीक्षण के दौरान, दोनों इंजन आमने-सामने आ गए और टक्कर की स्थिति उत्पन्न की गई कवच’ प्रणाली ने स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तेमाल शुरु किया और इंजनों को 380 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया.इसके साथ ही, लाल बत्ती को पार करने का परीक्षण भी किया गया , हालांकि इंजन ने लाल बत्ती को पार नहीं किया क्योंकि ‘कवच’ के लिए स्वचालित तरीके से ब्रेक लगाना आवश्यक हो गया था.अब इस नए और अत्याधुनिक तकनीक के सामने आ जाने के बाद रेलवे मंत्रालय और केंद्र सरकार को उम्मीद है कि ट्रेनों के हादसों को रोका जा सकेगा और जनहानि से भारतीय रेल के यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिया जा सकेगा।