पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन कार के बाद अब गटर के पानी से चलने वाली कार भी आ गई है। दुनिया की प्रमुख कार रिसर्च कंपनी ने इस एसयूवी को बनाया है। इसमें बैटरी नहीं है, यह गटर के पानी यानी वेस्ट वाटर से दौड़ती है।इस कार के टैंक को गटर के पानी से फुल करने के बाद इसे 2,000 किलोमीटर तक फर्राटा दौड़ा सकते हैं। कंपनी जल्दी ही इसे मार्केट में भी उतारने जा रही है। 5 लाक किलोमीटर तक टेस्ट करने के बाद यह आपके लिए पेश हो जाएगी। इस कार से न चार्जिंग का झंझट है और ना ही इसकी पावर का कोई तोड़ है। इससे पॉल्युशन भी नहीं फैलेगा।
इस कार का नाम क्वांटिनो ट्वेटीफाइव है। यह बिल्कुल ही डिफरेंट टेक्नोलॉजी पर बनाई गई है। इस कार में नैनो-स्ट्रक्चर्ड बाइ-इयॉन मोलेकुल्स (Nano-Structured bi-ION molecules) का यूज किया गया है। इस तकनीकी से मोलेकुल्स बैटरी की बजाय समंदर के पानी या इंडस्ट्रियल वाटर वेस्ट यानी गटर के पानी का यूज किया जा रहा है। पानी बायोफ्यूल की तरह काम करता है, इसमें 125 लीटर के दो टैंक में भरते हैं।इसी बायोफ्यूल तकनीकी से बिजली जेनरेट होती है, जो इस कार में लगे 60kW के चार मोटर को पावर देने का काम करती है। ये चारों मोटरर एसयूवी के चारों पहियो में रोटेट किया गया है। फ्यूल की एफिसिएंसी मॉडर्न लीथियम ऑयन बैटरियों की तरह वर्क करता है। इससे कोई पॉल्युशन नहीं फैलता है, किसी तरह की आवाज नहीं आती है। इस कार से न तो जहरीला कुछ निकलता है, न ही यह आग पकड़ती है और न ही किसी तरह से खतरनाक है। ब्रिटेन की नैनोफ्लोसेल होल्डिंग्स पीएलसी (NFC) ने इस कार को बनाया है। न्यूयॉर्क में इस एसयूवी को रजिस्टर किया गया है और यहीं यह कार बेची जा रही है।