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जीते धाकड़ धामी , चम्पावत की बम्पर हामी – 54 हज़ार का बड़ा अंतर

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए यू तो चंपावत की लड़ाई जीतना कोई मुश्किल काम नहीं था। लेकिन सवाल इस बात का था कि खटीमा से हार के बाद क्या पुष्कर सिंह धामी नए रिकॉर्ड के साथ जीतकर विधानसभा पहुंचेगे ? राजनीतिक पंडित और खुद मुख्य विपक्षी कांग्रेस भी ये मानकर चल रही थी कि चंपावत में मुख्यमंत्री की जीत तय है , लिहाजा उन्होंने ऐसा उम्मीदवार उतारा जो एक तरह से मुख्यमंत्री के लिए वॉक ओवर के समान था.

आपको बता दें कि मतगणना के पहले राउंड से ही सीएम धामी 3600 वोटों से आगे चल रहे थे और यह तादाद 9 राउंड की मतगणना के बाद 35000 के पार पहुंच गई। वहीं कांग्रेस की उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी को 2000 से भी कम वोट मिले थे।

दरअसल नतीज़ा तो तभी साफ़ हो गया था जब चंपावत उपचुनाव में 10वें राउंड की काउंटिंग में कुल 45,649 मतों की गिनती हुई तो सीएम धामी को 42,573 वोट मिल चुके थे और कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 2,189 वोट मिले थे इसके पहले 3 राउंड की काउंटिंग पूरी होने तक सीएम धामी की बढ़त 33,966 हो चुकी थी.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में बीजेपी विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी थी। पुष्कर सिंह धामी अपनी परंपरागत खटीमा सीट से चुनाव मैदान में थे , लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन कापड़ी ने उन्हें अप्रत्याशित रूप से हरा दिया था। जिसके बाद चंपावत उपचुनाव हुआ और यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिकॉर्ड मतों से जीतकर अपनी धमक को बरकरार रखा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की इस जीत के कई मायने भी अब सामने निकल कर आ रहे हैं।

एक तो केंद्र के भरोसे पर सीएम धामी खरे उतरे , वही उन्होंने बता दिया है कि आने वाले कुछ सालों में अब उनके पीछे ही सारे नेता होंगे और वही प्रदेश में सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा चेहरा बन चुके हैं। अब इसमें कोई दो राय नहीं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही जीत की पटकथा लिखेंगे। बताया जा रहा है.

कि पुष्कर सिंह धामी चंपावत की जीत के बाद जल्द ही दिल्ली का दौरा करेंगे और आलाकमान से मिलकर आशीर्वाद लेंगे। उसके बाद पूरी तरह से अपनी सरकार के कामकाज और विकास योजनाओं पर फोकस कर 100 दिन के एजेंडे पर आगे बढ़ेंगे। चंपावत की इस जीत के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस विधानसभा के दिन बहूरेंगे और मुख्यमंत्री से जुड़ जाने के बाद चंपावत चमकेगा। रहा है कि धामी की धमक से उत्तराखंड में इस जीत की गूंज देर और दूर तक सुनाई देगी.

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