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विकल्प रहित संकल्प के नायक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भरोसे को फर्ज़ मानते है,जांबाज IPS अफसर जन्मेजय खंडूरी

मो.सलीम सैफी,समूह संपादक

न्यूज़ वायरस नेटवर्क

एसएसपी देहरादून जन्मेजय खंडूरी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

इंटरव्यू में पढ़े स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालयों में नशे के कारोबार की रोकथाम पर क्या है योजना,ट्रैफिक जाम और पार्किंग पर क्या है सोच, कैसे दिलाएंगे जाम से निजात

सड़को पर गड्ढा खोदा या बिल्डिंग मैटेरियल बेतरतीब डाला तो क्या करेगी पुलिस

युवाओं को एसएसपी बनना है तो कैसे करें तैयारी,महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है पुलिस में भर्ती का क्रेज़,टाइम मैनेजमेंट क्यों है ज़रूरी

खाकी में एक शानदार व्यक्तित्व की झलक देखनी है तो मिलिए एक ऐसे आईपीएस अफसर से जो कहते हैं कि अगर कोई भी आपको धमकी दे, आपसे रंगदारी मांगे, जबरन वसूली करे…तो बेखौफ होकर मेरे पास आइए , बदमाशों पर सख्त कार्रवाई होगी’। आम लोगों के दिलों में पुलिस के लिए भरोसा दिलाने वाले ये शब्द किसी जांबाज अफसर के ही हो सकते हैं। उत्तराखंड में कई युवा पुलिस अधिकारी ऐसे भी हैं, जो आज समाज के लिए प्रेरणा बन गए हैं। ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, तो आम जनता का भरोसा खाकी पर है और बदमाशों के दिलों में खौफ है। उत्तराखंड में कुछ पुलिस अधिकारी वास्तव में अपने कामों से जनता के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस में वरिष्ठ IPS जन्मजेय खंडूरी ऐसे ही शानदार और प्रभावशाली पुलिस अफसरों में से एक हैं जो दफ्तर में बैठकर आदेश नहीं देते हैं बल्कि फील्ड में खड़े होकर आम जनता की सेवा , सुरक्षा और सहयोग के लिए निर्देशों का पालन करवाते हैं। लिहाज़ा ऐसे अफसर के साथ जब न्यूज़ वायरस के ग्रुप एडिटर मो० सलीम सैफ़ी ने सवाल जवाब किया तो उन्होंने भी बड़ी तसल्ली और धैर्य के साथ जवाब दिए। पढ़िए देहरादून के एसएसपी / डीआईजी जन्मेजय खंडूरी का समूह संपादक मो.सलीम सैफी के साथ विशेष साक्षात्कार –

सवाल नंबर 1 – युवा आपको अपना आदर्श मानते हैं लेकिन आज प्रदेश का वही युवा नशे के जाल में फंसता जा रहा है। ऐसे में नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए आप क्या कर रहे हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – पहले सवाल के जवाब में विस्तार से जानकारी देते हुए डीआईजी खंडूरी कहते हैं कि नशा बेसिकली डिमांड एंड सप्लाई चेन पर चलता है। जब तक सप्लाई रहेगी तब तक डिमांड रहेगी। इस विशेष सर्कल को तोड़ने के लिए सभी एजेंसी को साथ आना पड़ेगा , इससे ही विशेष सर्कल टूट सकता है। क्योंकि अभी आप देखेंगे की लगातार एनडीपीएस केसेस रजिस्टर होते हैं। जो नशे का कारोबार करते हैं उनको जेल में भी भेजा जाता है , तुरंत वह फिर जेल से छूट के आते हैं फिर इसी धंधे में लिप्त हो जाते हैं। दूसरा चीज जो नशा करता है , वह नशे का इतना आदी हो जाता है तो उसको किसी भी कीमत पर वह नशा चाहिए होता है। नशे की गिरफ्त में आकर व्यक्ति क्राइम में घुस जाता है। आपने देखा होगा कि चोरी और लूट में नशे का बहुत बड़ा हाथ होता है , क्योंकि नशे को पाने के लिए आदमी क्राइम के रास्ते चल जाता है। जरूरत है रिहैबिलिटेशन की , लेकिन अगर आप देहरादून में देखेंगे तो रिहैबिलिटेशन सेंटर कम है । उनकी कंडीशन अगर आप देखेंगे तो वह ओवर क्राउडेड भी है और कहीं पर भी कोई प्रोटोकॉल भी नहीं है , कोई रूल्स नहीं है। बस वह रिहैबिलिटेशन सेंटर जैसे तैसे चला रहे हैं। जरूरत है एक पूरा सिस्टम बनाया जाए जिसमें डिमांड के मुताबिक रिहैबिलिटेशन भी रहे , काउंसलिंग भी रहे क्योंकि रिहैबिलिटेशन होगा तभी नशे की लत छूटेगी। दूसरा जो नशा करता है उनके लिए काउंसलिंग बहुत जरूरी है। जो काउंसलर हमारे पास मौजूद है उनके साथ समय-समय पर हम कॉलेज में जाते हैं, स्कूल में जाते हैं काउंसलिंग भी करते हैं , टिप्स भी देते हैं। लेकिन वन टू वन काउंसलिंग की जरूरत है। हमारा तो काम है एनडीपीएस के केसेज़ रजिस्टर करना और जो नशे का कारोबार कर रहे हे उनका गिरफ़्तार करना। लेकिन जब तक डिमांड बनी रहेगी तो नए नए रुट पैदा होंगे , नए नशे के कारोबारी पैदा होंगे , तो हमें इसके लिए कोई प्लान बनाना पड़ेगा और प्लान के तहत अगर हम कार्यवाही करेंगे तभी हमें इससे निजात मिल सकती हे ।

सवाल नंबर 2 – क्या आपने इन चुनौती के लिए कोई इनिशेटिव लिया है ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – समय समय पर हम स्कूल कॉलेज में जाते हैं , स्कूल कॉलेजेज़ में काउंसलिंग सेशन भी हमारे द्वारा भी लिए जाते हे। समय समय पर हम स्टूडेंट्स को बुलाते भी हैं। उनकी गोष्ठियां भी अरेंज करते हैं। इसके अलावा समाचार पत्रों के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से और विभिन्न माध्यमों से हम लोगों को नशे के खिलाफ और नशे के दुष्परिणामों के बारे में भी बताते हैं। स्कूल के टीचरों की भी काउंसलिंग की जाती हे उनको भी बताया जाता हे किस तरीके से स्टूडेंट को हैंडल करो क्योकि अगर आप नशे का देखेंगे तो यूथ ही सबसे ज्यादा नशे में बर्बाद हो रहा हे और यूथ अगर आप देखेंगे की सबसे ज्यादा अगर परिवार वालों के बाद किसी की सुनता हे तो अपने टीचर की सुनता है। तो बहुत ज़रूरी है कि टीचरों को भी इस समस्या के लिए ट्रेंड किया जाए तो टीचर्स से हमारा लगातार संवाद चलता रहता हे।

सवाल नंबर 3 – राजपुर रोड पर रैश ड्राइविंग एक बड़ी समस्या है , लोगों को ड्राइविंग के प्रति जागरूक करने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – इस सवाल का जवाब देते हुए डीआईजी खंडूरी कहते हैं कि देहरादून में रैश ड्राइविंग को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए भी दून पुलिस लगातार अभियान चला रही है। वो आगे कहते हैं कि आपने अभी देखा होगा कि हमारे द्वारा सायलेन्सर पर भी काफ़ी कार्यवाही की गयी थी। इस दौरान कई सायलेन्सर को भी जब्त किया गया था। इसके अलावा लगातार चालान की भी करवाई की जाती है। स्मार्ट सिटी में हमारे द्वारा कैमरे भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो की ओवर स्पीडिंग को देखते हैं , इसके अलावा कई लोगों के हमारे द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने की कार्यवाही की गयी है। लगातार युवाओं से हम संवाद भी रखते हैं कि रैश ड्राइविंग में आपकी जान भी जा सकती हे तो आपका जीवन अमूल्य है और आप इसका ख्याल खुद ही रख सकते हे।

सवाल नंबर 4 – ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का आपको अपने अभियान में कितना सहयोग मिलता है ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – देखिये ऐसा है कि सरकार के जितने भी विभाग हैं सब एक दूसरे के बिना पूरे नहीं हैं , तो जितने भी विभाग है सब एक दूसरे से समन्वय स्थापित करते है जो रोड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट हैं उनसे भी हमारा लगातार समन्वय रहता है , लगातार हमारे जॉइंट ऑपरेशन भी चलते रहते हैं। लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होती है। उसमें भी हमे रोड ट्रांसफर के विभाग का भी काफी साथ मिलता हैं तभी सारी चीजें कर पाते हैं। तो यह कहना गलत हैं कि कहीं कोई समन्वय की कमी है।

सवाल नंबर 5 – सड़कों पर भवन निर्माण और गड्ढों की खुदाई से हादसे होते रहते हैं। ऐसे मामले में आप किस तरह की सख्त कार्यवाही कर रहे हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – देखिए जहां तक रोड के गड्ढों और सेफ्टी का प्रश्न है इसमें हमारे द्वारा कई एफआईआर दर्ज की गई है। जो ठेकेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। हमारे द्वारा समय-समय पर विभिन्न विभागों को भी यह बताया गया है कि एक अगर कोई निर्माण कार्य किया जाए तो उसमें सारे के सारे विभाग इकट्ठा होकर एक ही बार में अनुमतियां दें ताकि अगर कोई जगह खोदी जाए तो उसमे सभी विभागों का काम एक साथ हो जाए तो उससे क्या होता है कि बार-बार रिपिटेशन नहीं होता है। तो उसके बारे में लगातार हम अपील भी करते रहते हैं , लगातार पत्राचार भी करते रहते हैं और इस पर अभी कई बार ऐसा हुआ है मल्टी एजेंसी अप्रोच भी हो रहा है और कई विभागों ने कार्य भी किया है। तो यह एक सतत प्रक्रिया है और आने वाले टाइम में सही भी हो जाएगी

सवाल नंबर 6 – सड़को पर बिल्डिंग मेटेरियल पड़ा रहता है,उससे दुर्घटनाएं होती है, उस पर क्या कार्यवाही करते हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – देखिए पुलिस एक्ट में पुलिस को यह पावर है कि अगर कोई मार्ग अवरुद्ध करता है तो उसके खिलाफ पुलिस एक्ट में कार्रवाई होगी, उसमें जुर्माना भी किया जा सकता है। उसमें जो कंस्ट्रक्शन मैटेरियल है उसको भी सीज करने की पावर पुलिस एक्ट में पुलिस को दी गई है। इसका समय समय पर हमारे टीम द्वारा प्रभावी कार्यवाही भी की जाती है।

सवाल नंबर 7 – आप युवाओं के रोल मॉडल है , आजकल पुलिस भर्तियां चल रही है , आप युवाओं में क्या रुझान देख रहे हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – देहरादून जनपद में जो हम भर्तियां कर रहे हैं उसमें लगभग 20,000 महिलाओं द्वारा आवेदन किया गया है। जो प्रदर्शित करता है कि लोगों में मोटिवेशन है। जो युवा है वह मोटिवेटेड है केवल यहीं पर नहीं पूरे 13 जनपदों में कई जगह पर प्रक्रिया चल रही है। हर जगह कई हजारों में युवाओं ने आवेदन किया है। जिससे लोगों की जागरूकता का पता चलता है और लोग बहुत कॉन्पिटिटिव है वो ट्रेंड भी हो रहे हैं ताकि वह फिजिकल निकाल पाए और उसके बाद जो रिटन एग्जाम है उसको भी क्वालीफाई कर ले। तो लगातार उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है जो एक अच्छी चीज है। युवाओं को मैं यह संदेश भी देना चाहता हूं कि सतत प्रयास करने से और संयम रखने से कोई भी मंजिल ऐसी नहीं है जिसको पाया नहीं जा सकता है। तो इसलिए आप प्रयास करते रहे और संयम रखें और अगर आप संयम रखते हैं तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।

सवाल नंबर 8 – आप उन युवाओं को क्या टिप्स देना चाहते हैं जो आपकी तरह एक कामयाब आईपीएस ऑफिसर बनने का प्रयास कर रहे हैं ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – देखिए कड़ी मेहनत का तो कोई भी विकल्प नहीं है किसी भी चीज को पाने के लिए कई चीजें खोनी भी पड़ती है। तो अगर आप किसी चीज को पाने का प्रयास कर रहे हैं तो फोकस रखे जैसे अर्जुन को मछली की आंखे दिखाई दी थी उसी तरह आपका भी फोकस होना बहुत ही जरूरी है। अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसको आपसे मिलाने की कोशिश करती है । कहा भी जाता है कि अगर आप लगातार प्रयास करते रहे तो भगवान भी आपकी मदद करता है। लेकिन आपको फोकस करना बहुत ही जरूरी है और कड़ी मेहनत भी करें और टाइम टेबल बनाए,समय जो है वो बड़ा कीमती होता है समय का टाइम मैनेजमेंट करें, वह कहते हैं कि टाइम मैनेजमेंट करना भी बहुत ही जरूरी होता है कि कितना समय किस चीज को दिया जाए। अगर आप टाइम के गुड मैनेजर है तो आप आसानी से कोई भी चीज पा सकते हैं ।

सवाल नंबर 9 – शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने में सिविल सोसायटी और आम नागरिकों का कितना सहयोग मिल रहा है ?

जन्मजेय खंडूरी SSP / DIG – आपने देखा होगा जब हमने रेड लाइट को शुरू किया था तो लोगों की प्रतिक्रिया आई थी,क्योंकि लंबे समय तक शहर में रेड लाइट नहीं थी अब लगी है तो अब रेडलाइट के कारण जाम लग रहा है। लेकिन शुरुआत में जो ट्रांजैक्शन होता है उसको लोग एक्सेप्ट नहीं करते। बाद में करने लगते है अब आपने देखा होगा कि सब रेड लाइट को फॉलो कर रहे हैं क्योंकि देहरादून एक एजुकेटेड टाउन है और यहां के लोग एजुकेटेड है। कोई भी रूल अगर हम बनाते हैं उसको फॉलो भी सभी लोग करते हैं। अब रेडलाइट्स की कोई भी शिकायत नहीं दर्ज हो रही है , क्योंकि पब्लिक ने इसको एक्सेप्ट किया है। कोई भी चीज सिटी में नई आती है , तो शुरू में दिक्कतें होती है,कई चीजें की प्रक्रिया होती है जिसमें नए-नए एक्सपेरिमेंट किए जाते हैं। अगर छोटा टाउन देखा जाए तो तो आपको वहां पर ट्रैफिक लाइट नहीं मिलती। तो कोई टाउन अगर बढ़ रहा है तो ट्रैफिक लाइट लगाई जाती है। आपने देखा होगा कि कुछ फ्लाईओवर्स बनाएं गए हैं जिससे ट्रैफिक जाम से निजात मिली है। हम देख रहे हैं स्मार्ट सिटी का कार्य लगातार चल रहा है तो ऐसे में आने वाले समय में सड़कें और चौड़ी हो जाएगी। शहर में ट्रैफिक का वॉल्यूम लगातार बढ़ता जा रहा है , पार्किंग की व्यवस्था जो है वो कम है , मगर आप देखेंगे तो भी पार्किंग की जगह बहुत कम है शहर में । पार्किंग सुविधाएं भी आने वाले टाइम में बढ़ाई जाएगी। जब पार्किंग की व्यवस्था और बढ़ जाएगी , फ्लाईओवर बन जाएंगे तब कहीं जाकर थोड़ा जाम से निजात मिलेगी।

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