उत्तरकाशी का जादूंग गांव जल्द ही पर्यटन का केंद्र बनेगा। भविष्य में यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल जादूंग के पर्यटन विकास के दृष्टिगत इसे होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने की योजना को धामी मंत्रिमंडल की बैठक में हरी झंडी दे दी गई। जादूंग गांव चीन सीमा से सटा इलाका है, ये जिला मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूर है।
साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय गांव को खाली करा दिया गया था। तब से गांव के 56 परिवार डुंडा व बगोरी में रह रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इनका विस्थापन नहीं हो पाया है। इस बीच केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में इस गांव को भी शामिल किया तो इसे जीवंत बनाने को कार्ययोजना तैयार की गई है। धामी मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से जादूंग में पर्यटन विकास के लिए होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने की योजना का प्रस्ताव रखा गया।
मंत्रिमंडल ने विमर्श के बाद इस योजना के संचालन की अनुमति दे दी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने जादूंग में होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए इसके तय मानकों को शिथिल करने को हरी झंडी दी है। इसके तहत वहां होम स्टे बनाने पर शत-प्रतिशत फंडिंग की जाएगी। सरकार के इस निर्णय से आने वाले दिनों में जादूंग में पर्यटकों के लिए रहने की दिक्कत नहीं होगी। होम स्टे में उनके ठहरने से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।