लोकसभा चुनाव के लिए देश भर में राजनेताओं और राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों के दौरे के कारण चार्टर्ड विमानों और हेलीकॉप्टरों की मांग में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के मुताबिक ऑपरेटरों को 15-20 प्रतिशत अधिक कमाई होने की उम्मीद है. चार्टर्ड सेवाओं के लिए प्रति घंटे का किराया भी बढ़ गया है. उनका कहना है कि एक विमान के लिए लगभग 4.5-5.25 लाख रुपये और एक ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर के लिए लगभग 1.5-1.7 लाख रुपये का किराया लिया जाता है. हालांकि सामान्य समय और पिछले चुनावी वर्षों की तुलना में मांग बढ़ी है, लेकिन फिक्स विंग विमान और हेलीकॉप्टर कम उपलब्ध हैं. विमान और हेलीकॉप्टरों की बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ ऑपरेटर पट्टे पर विमान और हेलीकॉप्टर लेने की सोच रहे हैं. रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया (आरडब्ल्यूएसआई) के अध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) कैप्टन उदय गेली ने बताया कि ‘हेलीकॉप्टरों की मांग में बढ़ोतरी हुई है और यह सामान्य समय की तुलना में चुनाव के समय में 25 प्रतिशत अधिक है. मांग की तुलना में आपूर्ति कम है.’ आम तौर पर, राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों और नेताओं को कम समय में, खासकर दूरदराज के इलाकों में पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करते हैं.
गेली ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल ज्यादा देखा जा रहा है. बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (BAOA) के प्रबंध निदेशक कैप्टन आरके बाली ने बताया कि पिछले आम चुनावों की तुलना में चार्टर्ड विमानों की मांग 30-40 प्रतिशत अधिक है. चार्टर्ड विमानों की बुकिंग पहले से ही कर ली जाती है और ऑपरेटर विमानों का अधिकतम उपयोग करना चाहेंगे. बाली ने कहा कि चुनाव के समय चार्टर्ड विमान ऑपरेटरों की कमाई सामान्य समय की तुलना में 15-20 प्रतिशत अधिक होने की संभावना है.